RSS Full Form “Rashtriya Swayamsevak Sangh – राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ” होता है। यह एक हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन है जिसे ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के नाम से जाना जाता है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य हिंदू अनुशासन के माध्यम से लोगों को चरित्र प्रशिक्षण प्रदान करना और देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए हिंदू समुदाय को एकजुट करना है। आरएसएस के बारे में तो सभी ने सुना पर बहुत से लोगों को RSS Kya Hai, RSS की फुल फॉर्म एवं RSS का उद्देश्य के बारे में पता नहीं होगा।
यह संगठन भारतीय संस्कृति, धरोहरों, हिन्दू विचारों और एक नागरिक समाज के मूल्यों को बनाए रखने के लिए आदर्शों को बढ़ावा देता है और हिंदू समुदाय को “मजबूत करने के लिए लोगों में हिंदुत्व की विचारधारा को फैलाता है। इसके साथ ही आरएसएस संगठन भारतीय विरासतों, और महानताओं के बारे में लोगों को जागरूक होना सिखाता है ताकि उनमें हिंदुत्व की विचारधारा का प्रसार हो।
इतना ही नहीं यह राष्ट्रिय आपदाओं के समय एवं सामान्य स्थिति के समय भी चुपचाप अपनी सेवाएं प्रदान करता रहता है। यह भारतीय लोगों में RSS एवं राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के रूप में काफी अधिक लोकप्रिय है। हमारे इस लेख में माध्यम से जाने RSS की स्थापना कब हुई? RSS क्या है?, आरएसएस का इतिहास क्या है? और आरएसएस फुल फॉर्म इन हिंदी, शाखाओं आदि की विस्तृत जानकारी।
आरएसएस का फुल फॉर्म – RSS Full Form In Hindi
RSS (आरएसएस) का फुल फॉर्म या पूरा नाम “Rashtriya Swayamsevak Sangh” होता है। जिसे हिंदी में “राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ” के नाम से जाना जाता है। यह एक गैर सरकारी हिन्दू राष्ट्रिय अर्धसैनिक, स्वयंसेवक संगठन है जिसकी स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन की गई थी।
आरएसएस (RSS – राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) का रंग भगवा (saffron) होता है।
फुल फॉर्म | Rashtriya Swayamsevak Sangh |
आरएसएस दिवस | हर साल विजयदशमी को |
संगठन का नाम | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ |
स्थापना की तिथि | 27 सितंबर 1925 |
वैधानिक स्थिति | सक्रिय |
मुख्यालय | नागपुर, महाराष्ट्र, भारत |
आधिकारिक वेबसाइट लिंक | www.rss.org |
RSS Kya Hai
आरएसएस विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ है जो व्यापक रूप से भारत के सत्तारूढी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) का पैतृक संगठन माना जाता है। इस संघ का निर्माण भारतीय लोगों एवं बच्चों को हिन्दू संस्कार देना है साथ ही साथ यह प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सभी धर्म के लोगों की बढ़ चढ़कर मदद करता है।
RSS संगठन का मुख्य उद्देश्य भारत देश को शक्तिशाली एवं परम् वैभव बनाना है। इस संघ द्वारा किये जाने वाले कार्यों में उच्च शिक्षा, स्वास्थ, व्यावसायिक प्रशिक्षण, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक मुद्दों, ग्रामीण विकास, गौ रक्षा, सांस्कृतिक और साहित्यिक विकास करना आदि शामिल है। यह देश हित से जुड़े कार्यों को करता है एवं उनकों लोगों को अमल करने के लिए जागरूक करता है।
वर्तमान में RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के प्रमुख – मोहन भगवत जी है।
आरएसएस की स्थापना कब हुई?
RSS की स्थापना आज से 96 वर्ष पहले यानि 27 सितम्बर 1925 को विजयादशमी के दिन डॉ॰ केशव हेडगेवार द्वारा 4 लोगों की शाखा से गई थी। इसलिए संघ द्वारा विजयदशमी के त्यौहार को बड़ी हर्षोल्लास से मनाया जाता है। आरएसएस का मुख्यालय भारत के नागपुर, महाराष्ट्र में है। 17 अप्रैल 1926 को इसका नामकरण ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ के रूप में किया गया।
आज यह संघ फैलकर दुनिया का सबसे बड़ा संगठन माना जाता है जिसकी पुरे विश्व में करोड़ों से अधिक दैनिक शाखाएं है। वर्तमान में RSS (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) दुनिया के 80 से अधिक देशों में कार्य कर रही है।
RSS का इतिहास
आरएसएस संघ के संस्थापक डॉ॰ केशवराम बलिराम हेडगेवार द्वारा आरएसएस की स्थापना के 50 वर्षों के बाद जब सन 1975 को देश में आपातकाल की घोषणा की हुई तो उस समय राष्ट्रीय संघ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। आपातकाल के हटने के पश्चात इस जनसंघ का विलय जनता पार्टी में हुआ और केंद्र में प्रधानमंत्री के रूप में मोरारजी देसाई को चुना गया।
1975 के बाद से आरएसएस संघ का राजनैतिक महत्व ओर अधिक बढ़ता गया, जिसके परिणामस्वरूप आज यह संघ भाजपा जैसे राजनैतिक शाखा के रूप में देखा जाता है।
सारांश
तो दोस्तों ये था हमारा आज लेख ‘भारत के एक सांस्कृतिक संगठन आर एस एस (RSS) के बारे में’ जो आपको जरूर पसंद आया होगा। वर्तमान यह संगठन भारत का सबसे बड़ा संघठन है जिसके साथ करोड़ों युवा जुड़े हुए है। इस संगठन से जुड़कर आप भी एक ‘स्वयं सेवक’ बन सकते है और देश के विकास एवं संस्कृति को देश-दुनिया के विभिन्न लोगों तक पहुंचा सकते है। इस राष्ट्रिय संघ की लोकप्रियता आप देश के हर क्षेत्र एवं गली, मोहल्लों में महसूस कर सकते है।